Sunday, January 18, 2009

Lagan lagi tere naam ki Baba download Mp3

Share Author: Manisha.Rautela.Bisht on 10:50 PM
Dear readers
We all wish to go to Shirdi and this same feeling is expressed in this beautiful bhajan ,in melodious voice of Suresh Wadekar ji .Jai Sai Ram .


लगन लगी तेरे नाम की बाबा
बोले साई साई साई नाम
मन डोले ,मन डोले कब जाऊँ कब जाऊँ ,
कब जाऊंगा शिर्डी धाम
चलो शिर्डी साई धाम...

बाबा मेरे अधीर मन को धीरज से तुम भर देना
रीती झोली लाया होऊं मैं नाम के मोती भर देना
चाहो दिशा से बरसेगा अमृत साई साई नाम
मन डोले मन डोले मन डोले
कब जाऊ शिर्डी धाम ....



सब दुखियों को मिले सहारा तेरे द्वारे आके
सच्चे मन से जो भी आए ,प्रीत की ज्योत जला के
जीवन रजनी रोशन हों जाये तेरे नाम की छाव
मन डोले मन डोले मन डोले
कब जोऊ शिर्डी धाम कब जाऊंगा शिर्डी धाम
चलो शिर्डी साई धाम ....
जाऊंगा शिर्डी धाम ....


जीवन अपना सार्थक कर लो जप कर साई नाम
शीश झुका कर तेरे चरणों करूँ सदा तेरा ध्यान
बांकी उम्र शिर्डी में बीते बस यही अरमान
बाबा बस यही अरमान
मन डोले मन डोले मन डोले
कब जोऊ कब जोऊ कब जाऊंगा शिर्डी धाम
चलो शिर्डी धाम

To download the bhajan click on link below.



Lagan lagi tere naam ki Baba.mp3

logo© Shirdi Sai Baba Sai Babas Devotees Experiences Sai Baba Related all Details
Loading
<>

If you enjoyed this post and wish to be informed whenever a new post is published, then make sure you subscribe to my regular Email Updates. Subscribe Now!


Kindly Bookmark and Share it:

0 comments:

Have any question? Feel free to ask.

~श्री सच्चिदानंद सदगुरू श्री साईनाथ महाराज की जय~ श्री साई बाबा के ग्यारह वचन : १.जो शिरडी आएगा ,आपद दूर भगाएगा,२.चढ़े समाधी की सीढी पर ,पैर तले दुःख की पीढ़ी पर,३.त्याग शरीर चला जाऊंगा ,भक्त हेतु दौडा आऊंगा,४.मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पुरी आस५.मुझे सदा ही जीवत जानो ,अनुभव करो सत्य पहचानो,,६.मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताये ७.जैसा भाव रहे जिस मनका, वैसा रूप हुआ मेरे मनका,,८.भार तुम्हारा मुझ पर होगा ,वचन न मेरा झूठा होगा ९ आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर ,१०.मुझ में लीन वचन मन काया ,उसका ऋण न कभी चुकाया,११ .धन्य -धन्य व भक्त अनन्य ,मेरी शरण तज जिसे न अन्य~श्री सच्चिदानंद सदगुरू श्री साईनाथ महाराज की जय~
Leave Your Message.
 

About Author.

I feel I am like a river, having my own course, stream and flow but the final destiny is to be one with the boundless ocean of my Sathguru Shirdi Sai Baba.

Amidst all the worldly rituals I am performing,I do not dare to loose sight of my Sainath. He is the sole driving force, the guide and the Supreme master.

The strings of my life are in his hand,I am just a puppet at His Holy Feet.
Read View My Complete Profile.
Related Posts with Thumbnails

Bookmark.

Share on Facebook
Share on Twitter
Share on StumbleUpon
Share on Delicious
Share on Digg
Bookmark on Google
Email Receive Email Updates
If you like what you are reading, mention this in your post or link to this site by copying-pasting this HTML code into your own blog/website.
Creative Commons License This work is licensed under a Creative Commons Attribution-Noncommercial-No Derivative Works 2.5 South Africa License.Best Viewed in 1024 x 768 screen resolution © All Rights Reserved, 2009-2010 .